Kannauj : उत्तर प्रदेश के कन्नौज से एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसने सुनने वालों के होश उड़ा दिए। एक महिला ने दावा किया कि उसने महज तीन महीने के अंतराल में दो बच्चों को जन्म दिया! यह कोई चमत्कार नहीं, बल्कि सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किया गया एक सनसनीखेज फर्जीवाड़ा है।
क्या है पूरा मामला?
कन्नौज में एक महिला ने अपने दो बच्चों के लिए शिक्षा का अधिकार (RTE) योजना के तहत मुफ्त दाखिला कराने की कोशिश की। इसके लिए उसने बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र सहित सभी जरूरी दस्तावेज जमा किए। लेकिन जब स्कूल प्रबंधन ने दस्तावेजों की जांच की, तो सभी हैरान रह गए। भाई का जन्म प्रमाण पत्र 10 अक्टूबर 2018 का था, जबकि बहन का 30 जनवरी 2019 का। यानी, दोनों बच्चों की जन्म तारीख में सिर्फ तीन महीने का फासला!
कैसे हुआ खुलासा?
मामला तब सामने आया, जब कन्नौज के एक निजी स्कूल में भाई-बहन के दाखिले के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने दस्तावेज जमा किए। इनमें आय, निवास, जाति और जन्म प्रमाण पत्र शामिल थे। स्कूल के प्रिंसिपल और संचालक ने जब जन्म तारीखें देखीं, तो उनके होश उड़ गए। आखिर एक मां तीन महीने में दो बच्चों को जन्म कैसे दे सकती है? यह चिकित्सकीय रूप से असंभव है। हैरानी की बात यह है कि दोनों जन्म प्रमाण पत्र स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किए गए थे, और शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नजर भी इस गड़बड़ी पर नहीं पड़ी।
फर्जीवाड़े का मकसद?
बेसिक शिक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि यह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए किया गया धोखा हो सकता है। RTE के तहत मुफ्त शिक्षा का फायदा लेने के लिए इस तरह के फर्जी दस्तावेज बनाए गए होंगे। अब दोनों जन्म प्रमाण पत्रों की गहन जांच के आदेश दिए गए हैं।
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यह मामला सामने आने के बाद कन्नौज से लेकर पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। लोग हैरत में हैं कि कोई इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे कर सकता है। यह घटना न केवल प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करती है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि सरकारी योजनाओं के दुरुपयोग को रोकने के लिए कितने पुख्ता इंतजाम हैं।
इस अनोखे मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया कि हकीकत कभी-कभी कल्पना से भी ज्यादा हैरान करने वाली हो सकती है। अब देखना यह है कि जांच में क्या खुलासे होते हैं और इस फर्जीवाड़े के पीछे की सच्चाई क्या सामने आती है!