जोधपुर: राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की बेंच में बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार मामले में सैफ अली खान, नीलम, तब्बू व सोनाली बेंद्रे को बरी करने के खिलाफ सरकार की ओर से पेश लीव टू अपील पर सुनवाई हुई। सरकार की ओर से कहा गया कि इसी मामले में सलमान (Salman) खान से जुड़ी अपील भी हाईकोर्ट में ट्रांसफर हो चुकी है। ऐसे में सभी को एक साथ जोड़कर ही सुनवाई की जाए।
कोर्ट ने प्रार्थना को स्वीकार करते हुए आगामी 28 जुलाई को सभी अपीलों पर एक साथ सुनवाई के आदेश दिए हैं। दरअसल, यह पूरा मामला सलमान खान व अन्य से जुड़ा हुआ है।
बहुचर्चित कांकाणी हिरण शिकार का मामला
यह मामला वर्ष 1998 में लूणी थाने में दर्ज किया गया। मामला 1 व 2 अक्टूबर 1998 को मध्य रात्रि में शिकार के आरोप में अभिनेता सलमान खान, सैफ अली खान, अभिनेत्री नीलम, सोनाली बेंद्रे, तब्बू व दुष्यंत सिंह के खिलाफ था। जिसमें सलमान खान के खिलाफ वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9/51, सलमान खान को छोड़कर सभी सह आरोपी सैफअली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे व दुष्यन्त को 5 अप्रैल 2018 को बरी कर दिया गया था।
सलमान खान को 5 अप्रैल 2018 को 5 साल की सजा के आदेश दिए गए थे। सजा के खिलाफ सलमान की ओर से जिला एवं सेशन न्यायालय जोधपुर जिला अदालत में अपील पेश करते हुए जमानत पर रिहा हुए थे। जोधपुर की सीजेएम कोर्ट द्वारा सैफअली खान, नीलम, तब्बू, सोनाली बेंद्रे व दुष्यन्त को बरी करने के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में लीव टू अपील पेश की गई थी। जिस पर राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई विचाराधीन है।
इसी दौरान सलमान खान की ओर से 5 साल की सजा को चुनौती देने वाली अपील को हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए एक याचिका पेश की गई थी। जिस पर हाईकोर्ट के आदेश से 21 मार्च 2022 को हाईकोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके साथ ही सलमान के खिलाफ भी सरकार की एक अपील जो कि ऑर्म्स एक्ट मामला लूणी थाने में 15 अक्टूबर 1998 को आर्म्स एक्ट में मुकदमा धारा 3/25 व 3/27 के तहत दर्ज था।
उसमें सलमान खान को 18 जनवरी 2017 को सीजेएम ग्रामीण कोर्ट से बरी किया था। सरकार की ओर से जिला जोधपुर में अपील विचाराधीन थी। उसको भी हाईकोर्ट में 21 मार्च 2022 को एक आदेश से ट्रांसफर कर दिया गया था। राजस्थान हाईकोर्ट ने अब सभी अपीलों को एक साथ जोड़कर आगामी 28 जुलाई को सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं।