इजरायल ईरान का युद्ध। क्या है युद्ध का उद्देश्य !

इसराइल और ईरान का युद्ध इस समय चरम पर पहुंच गया , इसराइल ने ईरान पर चुन चुन कर हमले किए हैं जिसमें ईरान के सेना के टॉप कमांडर मारे गए हैं और ईरान के न्यूक्लियर साइड ध्वस्त हो गई है न्यूक्लियर साइंटिस्ट भी मारे गए है। जबकि ईरान ने ताबड़तोड़ रियासी इलाकों में और अंधाधुंध बैलिस्टिक मिसाइल से हमले किए हैं लगभग 450 मिसाइल ईरान इसराइल पर दाग चुका है इसराइल के एयर डिफेंस सिस्टम ने लगभग 80 परसेंट मिसाइल को नष्ट कर दिया है इसराइल पर आयरन डोम और उनका एयर डिफेंस सिस्टम से जो मिसाइल बच गई है उन्होंने इसराइल पर बहुत नुकसान किया है इजराइल का व्यापारिक केंद्र व्यापारिक पोर्ट हाइफा को ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल से बहुत नुकसान पहुंचा है ।इजरायल की ऑयल रिफायनरी मैं भी आग लग गई इसराइल के तेल अवीव की बहुत सारी बिल्डिंग को ईरान की मिसाइल से नष्ट हो गई ।अब यह युद्ध कितना आगे तक जाएगा अभी कोई कुछ नहीं कह सकता लेकिन ईरान का कहना है उसके पास 3000 मिसाइल हैं जिससे वह इसराइल को खत्म कर देगा इजराइल का कहना है जब तक ईरान परमाणु बम बनाना बंद नहीं करेगा तब तक ईरान पर हमला जारी रहेगा इसराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू का कहना है की मुझे जानकारी मिली थी ईरान परमाणु बम बनाने के कुछ ही दिन दूर था अगर वह परमाणु बम बना लेता तो इसराइल के अस्तित्व को खतरा हो सकता था। इजराइल का सपोर्ट अमेरिका खुलकर कर रहा है क्योंकि यही अमेरिका का मानना है अगर ईरान ने परमाणु बम बना लिया तो वह सबसे पहले अपने दुश्मन देश इजरायल अमेरिका पर परमाणु बम का इस्तेमाल करेगा ।अमेरिका के साथ ब्रिटेन फ्रांस खुलकर है और ईरान के साथ रूस चीन तुर्की सपोर्ट कर रहे हैं रूस और चीन ईरान को हथियार दे रहे हैं इसलिए युद्ध अब लंबा चलने की संभावना है इसराइल के सटीक हमले के पीछे इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद है। मोसाद ईरान पर लगभग 1 साल से ईरान के परमाणु कार्यक्रम में लगे वैज्ञानिकों की गतिविधि पर नजर रखे हुए थे ईरान के सभी बड़े सैनिक अधिकारियों के रूटीन पर भी नजर थी तभी उन्होंने सटीक हमले करके ईरान के टॉप कमांडर्स को मार दिया और लगभग 20 परमाणु वैज्ञानिकों को मार दिया। ईरान के फोर्डो न्यूक्लियर साइड पर इसराइल का हमला । न्यूक्लियर साइड तबाह।
इजरायल ईरान के इस युद्ध का उद्देश्य क्या है ?यह युद्ध क्यों हो रहा है? इजराइल का मुख्य सहयोगी अमेरिका यह चाहता है कि ईरान भी और मुस्लिम कंट्री की तरह उसकी बात माने उसके कंट्रोल में चलें ।अगर वह बात नहीं मानेगा तो उसकी भी हालत इराक जैसी होगी। अमेरिका मिडिल ईस्ट के साथ-साथ पूरे दुनिया का चौधरी बनना चाहता है ।विश्व की महाशक्ति है खुद पीछे रहकर दूसरे देश के कंधे पर बंदूक रखकर काम करता है। उधर रूस को उसने यूक्रेन से युद्ध में फंसा रखा ।यूक्रेन को हथियार दे रहे हैं नाटो देश जो अमेरिकंस का ग्रुप है। जिसमें फ्रांस ब्रिटेन इटली जर्मनी यह सारे देश मिलकर रूस को युद्ध में उलझाए हुए है। यूक्रेन को टेक्नोलॉजी और हथियार उपलब्ध करा रहे हैं ।जिससे वह उसमें फंसा रहे हैं। इधर ईरान को न्यूक्लियर डील के लिए दबाव बनाने के लिए अमेरिका ने इसराइल को आगे करके युद्ध शुरू करवाया ।ईरान भी पूरी तैयारी से था जो अब दोनों के युद्ध में दिखाई दे रहा है। ईरान पर भी चीन और रसिया की टेक्नोलॉजी मिसाइल बहुत सारे युद्ध के समान है जिसकी मदद से ईरान लगातार इसराइल के शहरों पर हमला कर रहा है। ईरान चारों तरफ अंधाधुंध हमले कर रहा है ।इजराइल को नुकसान उसके शहरी क्षेत्र में हो रहा है ।लेकिन इसराइल अपनी खुफिया एजेंसी मोसाद की मदद से चुन चुन कर सटीक जगह पर हमला कर रहा है जिससे ईरान के सभी टॉप कमांडर मारे जा चुके है।सेना सलाहकार , सेना अध्यक्ष और सारे अधिकारी इजरायल द्वारा मारे गए। इसके साथ उनकी परमाणु की नई साइट ,न्यूक्लियर जो साइड है जहां पर वह यूरेनियम का संवर्धन कर रहे थे ।वह साइट को नुकसान पहुंचा है जो प्लांट है उनको नुकसान पहुंचा है ।इजरायल ने 1 साल से इसकी पूरी तैयारी कर रखी थी ईरान के सभी मुख्य जगह की उनके पास जानकारी थी सभी मुख्य न्यूक्लियर साइड हो या सारे टॉप ईरान के कमांडर हो उन सब की जगह इजाराइल को पहले से ही पता थी। जिससे वह चुन चुन कर हमले कर रहा है। उनकी ऑयल रिफायनरी हो 2 दिन से तेल रिफाइनरी जल रही है। शहरों में जो हमले कर रहे हैं ,वह सैनिक अड्डों पर, मिसाइल लॉन्चर पर ,ड्रोन लांचर ,पर इन सभी पर इसराइल चुन चुन कर हमला कर रहा है जिससे ईरान को युद्ध में बड़ा नुकसान हो रहा है।ईरान का क्षेत्रफल बड़ा एरिया है उनके पास जिसमें 75 इज़राइल बन जाएं इतना बड़ा भाग है और इसराइल उसके कंपैरिजन में बहुत छोटा है इसी की वजह से इसराइल सटीक हमले कर रहा है ।अब देखना यह है ईरान के मित्र देश उनको कितनी मदद पहुंच पाते हैं और वह कब तक इजरायल के सामने खड़ा रह सकता है। हालांकि इसराइल ने इसराइल के प्रधानमंत्री ने ईरान की जनता से अपील की है कि वह सड़कों पर आ जाए ।वह तख्ता पलट करना चाह रहे हैं इसराइल चाहता है ईरान के मुखिया खुमानी किसी तरह सत्ता से बेदखल हो जाए ।उसके बाद कोई और सत्ता पर बैठाया जाए जो अमेरिका के हिसाब से डील करें ट्रेड डील हो या न्यूक्लियर डील हो उन सब डील को करें ।यह अमेरिका का और इजराइल का टारगेट हैं ।खुमानी चाहे युद्ध के बाद या युद्ध के बीच में किसी तरह सत्ता से बेदखल हो जाएं और ईरान में तख्तापलट हो जाए यह सब लड़ाई इसी बात की है। क्योंकि ईरान किसी भी तरह न्यूक्लियर देश बनना चाह रहा है न्यूक्लियर पावर देश बनना चाह रहा है। जिस दिन वह न्यूक्लियर पावर देश बन गया तो वह इसराइल और अमेरिका के कब्जे में नहीं रहेगा इसी वजह से यह युद्ध चल रहा है।

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