UP के 13 जिलों में Heat Wave का अलर्ट, डॉक्टर ने बताये जरूरी सुझाव

Heat Wave : उत्तर प्रदेश में गर्मी ने अपना रुख बदला है। जिसे लेकर लोगों की हालत बेहाल है लेकिन सिर्फ इतना ही नहीं, प्रदेश में गर्मी और बढ़ने वाली है। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, राजधानी लखनऊ के साथ-साथ मऊ, बलिया, आजमगढ़, जौनपुर, गोरखपुर, वाराणसी, भदोही, चंदौली, सोनभद्र, प्रयागरा और गाजियाबाद में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस से अधिक हो सकता है। इस दौरान दिन में धूप की तीव्रता और लू के थपेड़ों से बचने के लिए घरों में ही कैद रहें।

‘फातिमा हॉस्पिटल एवं मंगलम क्लीनिक मऊ’ के प्रतिष्ठित फिजीशियन डॉक्टर मनोज यादव से “पूर्वी संसार” द्वारा जब हीट वेव के संबंध में सवाल किया गया कि हीट वेव यानी लू क्या है? तो डॉक्टर मनोज यादव ने बताया कि हीट वेव एक ऐसी स्थिति होती है जब किसी क्षेत्र का तापमान सामान्य औसत से काफी अधिक हो जाता है। उत्तर भारत में जब तापमान 45 डिग्री सेल्सियस या उससे ऊपर पहुंच जाए तो इसे हीट वेव की स्थिति माना जाता है। अगर रात का तापमान भी सामान्य से अधिक रहता है, तो यह स्थिति और गंभीर मानी जाती है।

इस समय घर से बाहर न निकलें

आपको बताते चलें कि भारतीय मौसम विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी करते हुए लोगों को सलाह दी है कि वे दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक घर से बाहर न निकलें, जब तक बहुत जरूरी न हो।

डॉक्टर ने बताये जरूरी सुझाव

डॉक्टर मनोज यादव के मुताबिक यदि बाहर जाना बहुत जरूरी हो तो सिर को ढंक कर रखें। आम का पन्ना, नींबू पानी, मट्ठा, सत्तू का घोल तथा नॉर्मल पानी अधिक पिएं, हल्के और सूती कपड़े पहनें।

भारतीय मौसम विभाग के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पिछले एक सप्ताह से तापमान सामान्य से 5-6 डिग्री अधिक चल रहा है। ऐसे में आने वाले 2 दिनों तक हालात और गंभीर हो सकते हैं। 48 घंटे का अलर्ट खासतौर पर संवेदनशील लोगों के लिए जरूरी है जिनमें बच्चे, बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती महिलाएं शामिल हैं।

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये निर्देश 

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने भी हीटवेव को देखते हुए सभी जिला अस्पतालों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है।

डॉक्टरों की विशेष ड्यूटी और आवश्यक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया है।
सरकार ने ऐंबुलेंस सेवाओं को 24×7 एक्टिव मोड में रखा है ताकि किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में तत्काल सहायता दी जा सके।
गर्मी की तीव्रता को देखते हुए कई जिलों में स्कूलों के समय में भी बदलाव किया जा चुका है।
जिला प्रशासन ने प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को दोपहर से पहले बंद करने का निर्देश भी जारी किया है।
अभिभावकों से प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपील की गई है कि वे बच्चों को धूप में बाहर न भेजें।

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