Bihar : सासाराम में एक ऐसी प्रेम कहानी ने सुर्खियां बटोरीं, जिसने लोगों को हैरान कर दिया। यह कहानी है दो परिवारों के बीच रिश्ते तय करने वाले समधी और समधन की, जो बच्चों की शादी भूलकर एक-दूसरे के प्यार में पड़ गए और कोर्ट मैरिज करने पहुंच गए। लेकिन यह रोमांटिक कहानी जल्द ही हाई-वोल्टेज ड्रामे में बदल गई, जब परिजनों ने दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया और सड़क पर चप्पल-जूतों की बौछार शुरू हो गई।
प्यार की शुरुआत
आपको बता दें कि यह मामला सासाराम के पुरानी जीटी रोड का है। शिवसागर थाना क्षेत्र के धनवा गांव के दयाशंकर राम ने अपनी बेटी की शादी डालमिया नगर के न्यू डिलियां की रहने वाली धर्मशिला देवी के बेटे से तय की थी। शादी की बातचीत के दौरान दयाशंकर और धर्मशिला के बीच मोबाइल पर बातें शुरू हुईं। धीरे-धीरे ये बातें दिल के तार छूने लगीं और दोनों के बीच प्रेम पनप गया। बताया जाता है कि दोनों ने चुपके से किसी मंदिर में शादी भी रचा ली थी और मंगलवार को इसे कानूनी जामा पहनाने के लिए सासाराम के निबंधन कार्यालय पहुंच गए।
कोर्ट में शादी, सड़क पर ड्रामा
तीन बच्चों के पिता दयाशंकर और चार बच्चों की मां धर्मशिला कोर्ट में शादी करने के लिए तैयार थे लेकिन उनकी यह योजना परिजनों को रास नहीं आई। जैसे ही दयाशंकर के परिवार और धर्मशिला के पति सुनील राम को इसकी भनक लगी, वे तुरंत रजिस्ट्री ऑफिस पहुंच गए। वहां दोनों को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। बस फिर क्या, कोर्ट के बाहर सड़क पर हंगामा शुरू हो गया। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए और बात इतनी बढ़ी कि जूते-चप्पल चलने लगे। खासकर दयाशंकर को परिजनों ने चप्पलों से जमकर पीटा। पास खड़े पुलिसकर्मियों ने हंगामा शांत करने की कोशिश की, लेकिन करीब एक घंटे तक सड़क पर ड्रामा चलता रहा।
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प्यार का दर्द और परिवार का गुस्सा
दयाशंकर की कहानी भी कम दिलचस्प नहीं। उनकी दो पत्नियां पहले ही गुजर चुकी हैं और अब वह अपनी तीन संतानों के साथ रहते हैं। दूसरी ओर, धर्मशिला का कहना है कि उनके पति सुनील उनके साथ मारपीट करते हैं, जिसके चलते वह दयाशंकर के साथ नया जीवन शुरू करना चाहती थी। लेकिन दोनों का यह फैसला परिवारों को मंजूर नहीं हुआ। विवाद बढ़ता देख परिजनों ने पंचायत बुलाई और सभी को एक ऑटो में बिठाकर मामले को सुलझाने के लिए ले गए।
प्यार, ड्रामा और पंचायत
यह कहानी न सिर्फ प्रेम की अनोखी मिसाल है बल्कि सामाजिक रीति-रिवाजों और पारिवारिक मान-मर्यादा के बीच टकराव की भी गवाही देती है। दयाशंकर और धर्मशिला का प्यार क्या रंग लाएगा? क्या पंचायत इस अनोखे रिश्ते को स्वीकार करेगी? यह तो वक्त ही बताएगा लेकिन सासाराम की सड़कों पर हुआ यह ड्रामा लंबे समय तक लोगों की जुबान पर रहेगा।